DSP श्रेष्ठा ठाकुर मेट्रोमोनियल साइट के जरिए रोहित राज नाम के शख्स से मिली थी. उसने खुद को 2008 बैच का आईआरएस अधिकारी बताया था और रांची में कमिश्नर के पद पर अपनी पोस्टिंग का दावा भी किया था. महिला अधिकारी ने जब इसे वेरीफाई किया तो रांची में इस नाम के अधिकारी की पोस्टिंग थी. ठग ने एक जैसा नाम होने का फायदा उठाया और रांची में पोस्टेड अधिकारी के नाम का इस्तेमाल किया गया.
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