परिक्रमा मार्ग पर संध्या तर्पण में एक मुट्ठी रेत से उन्होंने शिवलिंग की स्थापना की थी। वहीं शिवलिंग पंचक्रोशी परिक्रमा के तीसरे पड़ाव पर रामेश्वर महादेव के रूप में विराजमान हैं।
परिक्रमा मार्ग पर संध्या तर्पण में एक मुट्ठी रेत से उन्होंने शिवलिंग की स्थापना की थी। वहीं शिवलिंग पंचक्रोशी परिक्रमा के तीसरे पड़ाव पर रामेश्वर महादेव के रूप में विराजमान हैं।